देवाल से थराली तक सड़क के समानांतर बहने वाली पिंडर नदी हमेशा से लोगों के लिए चिंता का कारण रही है। हर बरसात में इसका रौद्र रूप सामने आता है, लेकिन इस बार हालात और भी भयावह रहे। नदी के साथ-साथ पहाड़ियों से निकलने वाले गदेरों ने तबाही मचा दी, जिससे कई घर और दुकानें जमींदोज हो गईं।
22 अगस्त की रात अचानक आई आपदा के दौरान थराली के टेंट व्यापारी प्रेम बुटोला लोगों को अलर्ट करने के लिए सीटी बजा रहे थे। इसी दौरान अचानक पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आ गए और प्रेम करीब 100 मीटर तक बह गए। घायल प्रेम ने बताया कि मलबे में फंसने के बाद बड़ी मुश्किल से घुटनों के सहारे रेंगते हुए कुछ दूरी तक पहुंचे। कीचड़ में सने होने के कारण पहले लोग उन्हें पहचान नहीं पाए, लेकिन बाद में उपचार के लिए कर्णप्रयाग उपजिला चिकित्सालय ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार उनका इलाज कुछ दिनों तक जारी रहेगा।

गदेरों की तबाही ने बढ़ाया डर
स्थानीय निवासी और पूर्व खंड विकास अधिकारी डीडी कुनियाल का कहना है कि पिंडर नदी हर बरसात में रौद्र रूप दिखाती है, लेकिन इस बार गदेरों ने अधिक नुकसान किया है। जौला गांव के आनंद सिंह और सुरेशानंद जोशी ने बताया कि चेपड़ों में रिश्तेदारों की दुकानें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। दुकानों और मकानों के नुकसान को देखते हुए वे पैदल ही थराली से गांव लौटे।
पुलिस और प्रशासन की तत्परता
थराली थानाध्यक्ष पंकज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम लगातार लोगों की मदद कर रही है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए प्रयास तेज किए हैं।