नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में बुधवार रात बड़ा हादसा हो गया। मोहन को चौराहे पर स्थित 1863 में बने ऐतिहासिक ओल्ड लंदन हाउस में देर रात अचानक भीषण आग लग गई। हादसे में भवन में रह रहीं 86 वर्षीय शांता बिष्ट की जलकर मौत हो गई।

तीन घंटे तक जारी रही राहत-बचाव की कोशिश
जानकारी के मुताबिक, आग रात करीब 10 बजे लगी और देर रात दो बजे तक पूरी तरह बुझ नहीं पाई। तीन विभागों के 40 से अधिक कर्मचारी मौके पर जुटे और आग बुझाने का प्रयास करते रहे। करीब एक बजे आग पर 90 फीसदी काबू पाया गया, लेकिन इसी दौरान भवन के अंदर से शांता बिष्ट का शव बरामद हुआ।
स्थानीय दुकानदार विनोद कुमार वर्मा ने सबसे पहले आग की सूचना देखी और फायर ब्रिगेड को कॉल किया। उन्होंने बताया कि रात करीब 9:54 बजे उन्हें जलने की गंध महसूस हुई और बाहर आकर देखा तो धुआं और लपटें दिखाई दीं।
लकड़ी का बना भवन तुरंत भभक उठा
ओल्ड लंदन हाउस 1863 में बना था। उस समय नैनीताल तत्कालीन यूनाइटेड प्रोविन्स की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने की शुरुआत कर रहा था। यह भवन लकड़ी का बना होने के कारण कुछ ही देर में आग की लपटों में घिर गया।
भवन में प्रो. अजय रावत की बहनें कर्णलता रावत और शांता बिष्ट रहती थीं। कर्णलता रावत मोहन लाल साह विद्यालय की सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रही हैं।
ऐतिहासिक धरोहर पर गहरी चोट
ओल्ड लंदन हाउस ब्रिटिश शासनकाल का प्रतीकात्मक भवन रहा है, जहां कभी नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंस के ब्रिटिश अधिकारी निवास करते थे। लकड़ी से निर्मित इस ऐतिहासिक इमारत में लगी आग ने न सिर्फ एक जीवन छीन लिया बल्कि नैनीताल की धरोहर को भी गहरी चोट पहुंचाई।