उत्तरकाशी जनपद में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मंगलवार को दिनभर हुई बारिश के बाद स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे देर शाम को स्थानीय लोग दहशत में आ गए। लोग अपने घरों और होटलों को खाली कर सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे। होटल कारोबारी बलदेव सिंह राणा समेत कई लोगों ने एहतियातन अपने होटल खाली करा दिए।
करीब 400 मीटर क्षेत्र में यमुना के जलस्तर बढ़ने से सरकारी और गैर सरकारी परिसंपत्तियां प्रभावित हुई हैं। वहीं स्यानाचट्टी में दोबारा बन रही झील के मुहाने को खोलने के लिए तीसरे दिन भी सिंचाई विभाग की मशीनें नहीं पहुंच पाईं। विभाग कुपड़ा खड्ड के पास तीन पोकलेन मशीनें उतारने की कोशिश कर रहा है। विभागीय अधिकारी पन्नी लाल के अनुसार स्यानाचट्टी के पास यमुना नदी पर चैनलाइजेशन कार्य चल रहा है और झील के मुहाने पर पहुंचने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है।

गंगोत्री हाईवे बहाल, यमुनोत्री मार्ग अब भी बंद
लगातार भूस्खलन से प्रभावित गंगोत्री हाईवे नलूणा के पास दो दिन बाद आखिरकार यातायात के लिए खोल दिया गया। सोमवार सुबह यहां पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने से आवाजाही ठप हो गई थी। BRO ने लगातार कोशिशों के बाद मंगलवार को मार्ग बहाल किया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास पांचवें दिन भी बंद रहा। लगातार भू-धंसाव और पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण एनएच विभाग को हाईवे खोलने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। एनएच के ईई मनोज रावत ने बताया कि कटाव और भूस्खलन की वजह से मार्ग को खोलने में लगातार बाधाएं आ रही हैं।
ग्रामीणों को भारी परेशानी
यमुनोत्री हाईवे बंद होने से धाम सहित पांच गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रामीणों को बाजार, स्वास्थ्य सुविधाओं और जिला मुख्यालय तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने नलूणा भूस्खलन जोन की ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी है ताकि खतरे का आकलन समय पर किया जा सके।